The content of this article has been edited by Dr. Amit Bang, Paediatrician.
(1.) भ्रम: हायपरटेंशन की रोकथाम नही की जा सकती ।
सच: अगर कूछ बातो का ध्यान रखा जाए तो हायपरटेंशन होने की आशंका को कम
किया जा सकता है, जेसे नियमित व्यायाम या शारीरिक मेहनत करना, कम मात्रा मे
नमक का सेवन करना, शराब नही पीना, धूम्रपान नही करना और संतुलित आहार लेना
आदि ।
2) भ्रम: अगर कोई लक्षण नही है तो व्यक्ति को उच्च रक्तचाप नही होगा ।
सच: लोग ऐसा सोचते है की सिरदर्द, पसीना आना, नींद न आना, चिंता आदि उच्च
रक्तचाप के लक्षण है किंतु अधिकतर उच्च के रोगियों मे कोई लक्षण देखने को
नही मिलते । रक्तचाप मशीन ( स्फिग्मौमेनौमीटर ) से आसानी से रक्तचाप
निर्धारित कर इसका पता लगाया जा सकता है ।40 वर्ष की उम्र के बाद व्यक्ति
को नियमित समय अंतराल (6 माह ) पर अपने रक्तचाप की जाँच करवा लेनी चाहिए ।
व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लगभग 140/90 मिलीमीटर मर्करी से अधिक होने पर उसे
उच्च रक्तचाप कहाँ जाता है । यदि दोनो या दोनो मे से एक ( 140 या 90 ) माप
भी अधिक है तो डॉक्टर से सलाह अवश्य ले ।
3) भ्रम: अगर एक बार ब्लड प्रेशर मापने से वह अधिक आता है तो इसका मतलब की व्यक्ति को हायपरटेंशन है ।
सच: पाँच से दस मिनिट के अंतर से कम से कम तीन बार ब्लड प्रेशर की जाँच
करनी चाहिए यदि हर बार बी.पी. बढ़ा आये तब यह कहाँ जा सकता है की व्यक्ति को
अधिक ब्लड-प्रेशर है लेकिन एक या दो बार बढ़ा आये तो यह कहना उचित नही होगा
की व्यक्ति को हायपरटेंशन है। केवल एक बार उच्च रक्तचाप को पता चलने पर
खुद को रोगी समझने के बजाय एक हफ्ते बाद फ़िर से पक्का करने के लिए बी.पी.
की जाँच करवा ले तो अच्छा है । कूछ लोगो मे ऐसा देखा जाता है की डॉक्टर के
पास पहुँच कर उनका बी.पी. बढ़ जाता है लेकिन घर पर बी.पी. लिया जाए तो यह
सामान्य रहता है । ऐसा केवल मानसिक वजह से होता है क्युकी व्यक्ति डॉक्टर
के पास जाता है तो तनाव ग्रस्त हो जाता है और उसका बी.पी. बिना किसी बीमारि
के बढ़ जाता है ऐसी स्तिथि को 'वाइट कोट हायपरटेंशन' कहते है, यह बीमारि
नही है । कई बार बी.पी. मापने वाली मशीन भी गड़बड़ हो सकती है या बी.पी.
लेने वाला व्यक्ति भी सही तरह से प्रशिक्षीत नही होता और गलत माप ( रीडिंग )
ले लेता है, इसलिए जब भी बी.पी. मापे दो तीन सही जगहो पर उसे माप कर यह
सुनिश्चित कर ले की खी मशीन या बी.पी. मापने वाले व्यक्ति ही गलत ना हो ।
4) भ्रम: ब्लड प्रेशर केवल दवाई से नियंत्रित किया जा सकता है ।
सच: ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिये खान-पान, व्यायाम, जीवन शेली
मे बदलाव भी बहूत ज़रूरी है । ऐसा करने शे व्यक्ति अन्य असँक्रामक
बीमारियों से भी बचा रहता है
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